रविवार, 17 अगस्त 2025, कठुआ, जम्मू-कश्मीर:
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच रविवार को कठुआ जिले में बादल फटने (Cloudburst) की एक और बड़ी घटना सामने आई है। 'द वायर' और अन्य विदेशी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, इस भयावह प्राकृतिक आपदा में अब तक कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य के लापता होने की आशंका है।
यह घटना कठुआ के जोध घाटी गांव में हुई, जब शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को अचानक बादल फटने से मलबे और पानी का एक विशाल बहाव नीचे की ओर आया। इसका सीधा असर गांवों पर पड़ा, जहाँ कई घर और दुकानें बह गईं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा भी इस बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यातायात बाधित हो गया है।
राहत और बचाव कार्य जारी, NDRF को भेजा गया
आपदा की सूचना मिलते ही प्रशासन तुरंत हरकत में आया। पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों को तत्काल मौके पर भेजा गया है। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बचाव दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।
उझ नदी खतरे के निशान के करीब
भारी बारिश के कारण क्षेत्र की प्रमुख नदियों, खासकर उझ नदी, का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है। जिला प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों के किनारे जाने से बचने की सख्त हिदायत दी है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
यह घटना उस समय हुई है, जब किश्तवाड़ में कुछ ही दिनों पहले हुए एक और बादल फटने से लगभग 60 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे यह राज्य पहले से ही सदमे में था। लगातार हो रही ऐसी आपदाओं ने पूरे जम्मू-कश्मीर में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और भारी बारिश का अनुमान लगाया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में और भी बाधाएँ आ सकती हैं। सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
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