17/08/2025
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का कहर:
बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन ठप
शिमला। हिमाचल प्रदेश में जारी भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी है। मंडी, कुल्लू और किन्नौर जैसे जिले सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, जहाँ सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है और सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो चुकी है। लगातार बारिश की वजह से बचाव और राहत कार्यों में भी बड़ी बाधा आ रही है।
सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके
राज्य में मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिले इस आपदा की सबसे बड़ी मार झेल रहे हैं। मंडी में कई गाँव पूरी तरह से कट गए हैं, जहाँ लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। कुल्लू और मनाली जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल भी बुरी तरह प्रभावित हैं, जहाँ कई होटल और घर बह जाने की खबरें हैं। किन्नौर जिले में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण बड़े-बड़े पत्थर गिरने से जान का खतरा बना हुआ है।
सड़कें और कनेक्टिविटी ठप
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) सहित राज्य की कई प्रमुख सड़कें बंद हो गई हैं। भारी भूस्खलन के कारण शिमला और मंडी के बीच का संपर्क भी बाधित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक सड़कें अभी भी बंद हैं। BRO (Border Roads Organisation) और PWD (लोक निर्माण विभाग) की टीमें इन सड़कों को खोलने के लिए लगातार काम कर रही हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन से उनका काम मुश्किल हो रहा है।
जान-माल का भारी नुकसान
आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, अब तक सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। कई पुल बह गए हैं, जिससे नदियों के दोनों ओर बसे गाँवों का संपर्क टूट गया है। कई घरों के ढहने और वाहनों के नदियों में बहने के वीडियो भी सामने आए हैं। इस आपदा में अब तक दर्जनों लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बचाव और राहत कार्य जारी
NDRF, SDRF, ITBP और स्थानीय पुलिस की टीमें मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चला रही हैं। हेलिकॉप्टर और बोट की मदद से अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राज्य सरकार ने प्रभावितों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहाँ खाने-पीने और दवाइयों का इंतजाम किया जा रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 से 72 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। 'द वायर' और विदेशी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, यह बेमौसम बारिश भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ (Flash Flood) का खतरा और बढ़ा सकती है।
राज्य सरकार ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और केंद्र सरकार से NDRF और सेना की अतिरिक्त टीमें भेजने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भी हिमाचल के हालात पर चिंता जताते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। सोशल मीडिया पर सामने आ रही तस्वीरें और वीडियो इस आपदा की भयावहता को दर्शा रही हैं।
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