मुंबई से एक बड़ी और दुखद खबर सामने आई है।
शनिवार को जन्माष्टमी पर आयोजित दही-हांडी उत्सव के दौरान 2 गोविंदाओं की मौत हो गई है।
क्या हुआ?
मुंबई और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर दही-हांडी के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।
परंपरा के मुताबिक, गोविंदा पिरामिड बनाकर ऊँचाई पर टंगी मटकी फोड़ते हैं।
इसी दौरान दो अलग-अलग जगह हादसे हुए।
हादसों का ब्योरा
* पहला हादसा ठाणे में हुआ, जहां पिरामिड से गिरकर एक 24 वर्षीय गोविंदा की मौत हो गई।
* दूसरा हादसा मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुआ, जहां 19 वर्षीय गोविंदा गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी जान चली गई।
अस्पताल और पुलिस की जानकारी
डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि दोनों गोविंदाओं को सिर और रीढ़ की गंभीर चोटें आई थीं।
पुलिस ने घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और आयोजकों से सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल पूछे जा रहे हैं।
सरकार की अपील
महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही आयोजकों को सुरक्षा नियमों का पालन करने की चेतावनी दी थी।
हादसों के बाद फिर से इस पर बहस शुरू हो गई है कि ऊँची पिरामिड की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।
👉 कुल मिलाकर, उत्सव की खुशी मातम में बदल गई और दो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
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