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भारतीय मूल के अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ Ashley Tellis गिरफ्तार — घर से मिले “टॉप सीक्रेट” दस्तावेज़


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अमेरिकी जांच एजेंसियों ने की बड़ी कार्रवाई — “राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हज़ारों गोपनीय दस्तावेज़” जब्त, चीन से संपर्कों की भी जांच

📰 Times Watch: देश–दुनिया — Morning Edition

दिनांक: 15 अक्टूबर 2025 | संपादक: रिज़वान अहमद

🧠 कौन हैं Ashley J. Tellis?

  • Ashley Tellis अमेरिकी विदेश नीति और रक्षा मामलों के रणनीतिकार हैं, जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं।

  • वे Carnegie Endowment for International Peace में वरिष्ठ फेलो हैं और Tata Chair for Strategic Affairs संभालते हैं।

  • उन्होंने राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में National Security Council पर काम किया और भारत–अमेरिका रक्षा नीति पर सलाहकार रहे।


⚖️ क्या हैं आरोप?

  • अमेरिकी अभियोजकों ने बताया कि Tellis ने 1,000 से अधिक पन्नों के गुप्त दस्तावेज़ घर में छिपा रखे थे, जिनमें कई TOP SECRET या SECRET लेवल की रिपोर्टें थीं।

  • इनमें अमेरिकी सैन्य विमानों की क्षमताएं, हथियार प्रणालियों और विदेश नीति पर आधारित रिपोर्टें शामिल बताई जा रही हैं।

  • एफबीआई का दावा है कि उन्होंने ये दस्तावेज़ सरकारी कंप्यूटरों से प्रिंट कर, ब्रीफकेस में बाहर निकाले और फिर अपने बेसमेंट व कूड़ेदान बैगों में छिपाए।

  • जांच में सामने आया कि उन्होंने चीनी सरकारी अधिकारियों से कई बार मुलाकात की — एक डिनर मीटिंग में वे एक मनीला लिफाफा लेकर पहुंचे थे जो वापसी पर नहीं मिला।

एश्ले टेलिस, जो एक स्कॉलर और एक्सपर्ट हैं, की US में चीन के साथ कथित लिंक के लिए जांच हो रही है।



🚨 अमेरिकी अदालत में मामला

  • उन पर आरोप 18 U.S.C. § 793(e) के तहत लगाया गया है — यह कानून राष्ट्रीय रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज़ों को अनधिकृत रूप से रखना या बाहर ले जाना प्रतिबंधित करता है।

  • अगर दोष सिद्ध हुआ तो Tellis को 10 साल तक की जेल और $250,000 तक जुर्माना हो सकता है।

  • फिलहाल उन्हें हिरासत में रखा गया है और आने वाले दिनों में अदालत में पेश किया जाएगा।


🌐 राजनैतिक व रणनीतिक असर

  • यह मामला अमेरिका में सुरक्षा मंजूरी (security clearance) व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है।

  • चूंकि Tellis भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों के प्रमुख सूत्रधारों में से एक रहे हैं, इसलिए यह मामला दोनों देशों के रिश्तों पर छाया डाल सकता है।

  • फिलहाल किसी जासूसी या दस्तावेज़ साझा करने का आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन एफबीआई चीन से संभावित संपर्कों की जांच कर रही है।


मुख्य सवाल जो अब भी अनसुलझे हैं:

सवालमहत्व
क्या Tellis ने ये दस्तावेज़ किसी विदेशी संस्था से साझा किए?इससे मामला जासूसी का बन सकता है
उन्होंने दस्तावेज़ क्यों हटाए?क्या यह लापरवाही थी या किसी उद्देश्य से?
जांच कब और कैसे शुरू हुई?समय-रेखा से पता चलेगा कि मामला कब पकड़ा गया
क्या यह भारत-अमेरिका नीति-सम्बंधों को प्रभावित करेगा?दोनों देशों के बीच विश्वास पर असर पड़ सकता है

🧩 संभावित नतीजे

  • अमेरिकी थिंक टैंक और रक्षा सलाहकारों की सुरक्षा जांच और कठोर हो सकती है।

  • भारतीय मूल के विशेषज्ञों की साख और विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है।

  • अगर आरोप साबित हुए, तो यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय के लिए बड़ा झटका होगा।


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