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अफ़ग़ानिस्तान का अल्टीमेटम — “बगराम पर दो इंच भी पीछे नहीं हटेंगे”
काबुल से आई इस ख़बर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। तालिबान सरकार ने अमेरिका को सख़्त लहजे में जवाब देते हुए कहा है कि बगराम एयरबेस पर किसी भी तरह का समझौता नामुमकिन है। यह वही एयरबेस है जो दो दशकों तक अमेरिकी ताक़त का प्रतीक रहा, मगर अब अफ़ग़ानिस्तान ने साफ़ कर दिया — “हम अपनी ज़मीन का एक इंच भी नहीं देंगे।”
अफ़ग़ान तालिबान ने अमेरिका की बगराम एयरबेस की वापसी की माँग को सख़्ती से ठुकराया। तालिबान बोला — “हम किसी को ज़मीन का एक इंच भी नहीं देंगे।” जानिए इस टकराव का क्षेत्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।
तालिबान ने अमेरिका/ट्रम्प की बगराम एयरबेस वापसी की माँग को ठुकराया — राष्ट्रीय संप्रभुता और इलाक़ाई अखंडता पर कोई समझौता नहीं।
मुख्य खबर Times Watch पैकेज)
जालालाबाद / काबुल, 21-23 सितंबर 2025: अफ़गान तालिबान सरकार ने अमेरिका (और विशेषकर पूर्व राष्ट्रपति/राजनीतिक नेतृत्व) की बगराम एयरबेस वापस लेने की माँग को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अफ़गानिस्तान अपनी भूमि और सार्वभौमिकता के किसी भी हिस्से के हस्तांतरण की अनुमति नहीं देगा — “हम किसी को एक इंच जमीन भी नहीं देंगे,” उनके शब्दों का सार यही रहा।
अमेरिकी नेतृत्व ने हाल के दिनों में बगराम की रणनीतिक अहमियत पर ज़ोर दिया है और उसे पुनः हासिल करने की इच्छाशक्ति जताई — इसे ईराज़ (Eurasia) में प्रभाव परियोजना करने के लिहाज़ से महत्त्वपूर्ण बताया गया। अमेरिकी दावों के जवाब में अफ़गान अधिकारियों ने कूटनीतिक वार्ता और आर्थिक सहयोग के विकल्प खुले रहने के साथ-साथ सैन्य उपस्थिति की किसी भी माँग को अस्वीकार कर दिया।
विश्लेषकों का कहना है कि बगराम को लेकर तनातनी — केवल एक स्थानीय संपत्ति का मामला नहीं, बल्कि क्षेत्रीय भू-राजनीति, चीन-रूस-आग्नेय एशिया तक शक्ति प्रोजेक्शन, और अमेरिका के पुनरागमन की रणनीति से जुड़ा मसला है। यदि स्थिति बढ़ती है, तो इससे अफ़गानिस्तान के भीतर और आसपास सुरक्षा जोखिम, क्षेत्रीय तनाव और मानवीय असर बढ़ सकता है।
डिप्लोमैसी का फिलहाल मार्ग: कई देशों ने शांतिपूर्ण संवाद की अपील की है और कहा है कि किसी भी तरह की सैन्य पहल व्यापक अराजकता को जन्म दे सकती है। संयुक्त राष्ट्र और कुछ पड़ोसी राष्ट्र इस बहस को कूटनीतिक स्तर पर निपटाने के पक्ष में हैं, जबकि सार्वजनिक बयानबाज़ी मौसम और रुख और कड़े कर रही है।
क्या होगा आगे — त्वरित विश्लेषण (कॉर्नर)
- डिप्लोमैटिक चैनल: पहले चरण में कूटनीति — आर्थिक सहयोग/सुरक्षा आश्वासन के माध्यम से तनाव घटाने की कोशिशें।
- सैन्य विकल्प?: विशेषज्ञों के अनुसार बगराम पुनः हासिल करने का सैन्य विकल्प जटिल और महँगा होगा, और क्षेत्रीय प्रतिकिया तेज़ हो सकती है।
- स्थानीय असर: काबुल-परवान इलाक़े में सुरक्षा व नागरिक प्रभाव पर नज़दीकी निगरानी ज़रूरी।
Quick facts (तथ्य-सार)
- बगराम एयरबेस — अमेरिका के लिए 2001-2021 तक मुख्य ठिकाना; 2021 में अमेरिकी वापसी के बाद तालिबान ने नियंत्रण लिया।
- हालिया घटनाक्रम में अमेरिकी नेतृत्व ने बगराम को वापस लेने की सार्वजनिक भाषा अपनाई; तालिबान ने साफ़ शब्दों में मना कर दिया।
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