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अमेरिका से निर्वासित लोगों को स्वीकार करने पर योगंडा को किया मिलेगा?
अमेरिका और युगांडा के बीच हुए समझौते ने एक नई बहस छेड़ दी है। इस डील के तहत युगांडा उन लोगों को स्वीकार करेगा जिन्हें अमेरिका से निर्वासित किया जा रहा है, बशर्ते उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि युगांडा इस कदम से सीधे-सीधे अमेरिका के साथ अपने संबंध मजबूत करना चाहता है। इससे उसे बेहतर व्यापार समझौते, वीज़ा और पाबंदियों में राहत जैसे राजनयिक फायदे मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक पहलू:
आलोचकों का मानना है कि यह समझौता राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की सरकार के लिए 2026 चुनाव से पहले अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने का एक कदम है। सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह वैश्विक प्रवासन मुद्दों पर सहयोग करने के लिए तैयार है।
क्षेत्रीय प्रभाव:
युगांडा खुद को अफ्रीका का ऐसा देश दिखाना चाहता है जो अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संकट में सहयोगी भूमिका निभा सके। इससे उसकी अफ्रीकी और वैश्विक मंचों पर स्थिति मजबूत हो सकती है।
निष्कर्ष:
हालांकि समझौते की आर्थिक शर्तें सार्वजनिक नहीं की गई हैं, लेकिन साफ है कि युगांडा इस डील को रणनीतिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर लाभ के रूप में देख रहा है।
स्रोत:
Washington Post |
AP |
The Guardian
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