Published on:
🔴 [BREAKING] ग़ाज़ा पट्टी एक बार फिर से युद्धविराम की उम्मीद देख रही है।
📰 TimesWatch
सच के साथ – Times Watch आपको सबसे तेज़ और भरोसेमंद खबरें देता है। National और International News अब एक ही जगह।
By Times Watch News Desk | Date: 19 August 2025 | Category: Inter National News
संघर्षविराम का अवसर: क्या ग़ाज़ा में सुकूनअमन लौटेगा?
ग़ाज़ा पट्टी एक बार फिर से युद्धविराम की उम्मीद देख रही है। क़तर ने पुष्टि की है कि हमास ने 60 दिन के संघर्षविराम प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। दिलचस्प यह है कि यह प्रस्ताव लगभग वही है, जिसे पहले इज़राइल ने भी स्वीकार किया था। सवाल अब यह है कि क्या इज़राइल अपनी आंतरिक राजनीति से ऊपर उठकर इस अवसर को भुनाएगा या नहीं।
हमास की स्वीकृति अपने आप में एक महत्वपूर्ण संकेत है। वर्षों से चली आ रही हिंसा और रक्तपात के बीच यह कदम कम से कम इतना तो बताता है कि फिलहाल संघर्ष में ठहराव की संभावना है। प्रस्ताव के तहत बंधकों की रिहाई, मानवीय सहायता की आपूर्ति और सेना की सीमित पुनःतैनाती जैसे बिंदु शामिल हैं। ये वे मुद्दे हैं जिन पर दोनों पक्ष अक्सर टकराते रहे हैं।
लेकिन असली चुनौती इज़राइल की राजनीति में है। देश के भीतर कठोर रुख़ अपनाने वाले नेताओं का दबाव कम नहीं है। उनके लिए युद्धविराम "कमज़ोरी का प्रतीक" माना जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, ग़ाज़ा में बदतर होती मानवीय स्थिति की अनदेखी भी संभव नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी दी है कि हालात "विनाशकारी" मोड़ पर पहुँच सकते हैं।
इस पृष्ठभूमि में, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों—ख़ासकर अमेरिका, मिस्र और क़तर—की भूमिका निर्णायक होगी। अगर यह युद्धविराम लागू हो जाता है तो न केवल ग़ाज़ा के लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि यह दोनों पक्षों को आगे किसी स्थायी समाधान की दिशा में ले जाने वाला पहला कदम भी हो सकता है।
फिर भी, यह मान लेना जल्दबाज़ी होगी कि 60 दिन का ठहराव स्थायी शांति में बदल जाएगा। इतिहास बताता है कि कई बार संघर्षविराम हुए, लेकिन टिके नहीं। इसलिए इस बार असली परीक्षा होगी—क्या दोनों पक्ष इस विराम को विश्वास बहाली का मौका बनाएंगे या इसे एक और असफल प्रयास के रूप में इतिहास में दर्ज करेंगे।
इस खबर को शेयर करें:
© 2025 TimesWatch | सच के साथ
Post a Comment