Top News

स्वामी रामदेव: जो भारत-निर्माण में योगदान नहीं देता, उसे ‘गुरु’ कहना बंद करो

TIMES WATCH
खबरों का फ़िल्टर — सिर्फ सच्चाई आप तक| सच की छलनी में छान कर झूठ को कूड़े में डाल कर आप तक पहुंचाते हैं ख़बरें
BREAKING
स्वामी रामदेव का बयान: | जो भारत-निर्माण में योगदान नहीं देता | 💰 पेट्रोल-डीज़ल के दाम स्थिर | वह सनातन धर्म का गुरु नहीं” | आवाहन: “सबका आत्ममूल्यांकन हो |समझ गया भाई 👍


📰Times Watch - दम तोड़ते सच को बचाने की कोशिश,

27 अगस्त 2025

📰नई दिल्ली 

स्वामी रामदेव का बयान: जो भारत निर्माण में योगदान नहीं देता वो धर्म का गुरु नहीं है,

योग गुरु स्वामी रामदेव ने आध्यात्मिक जगत में चल रहे विवादों पर तीखी प्रतिक्रिया दी—कहा कि गुरु वही है जिसका काम इंडस्ट्री, हेल्थ, एजुकेशन या सामाजिक जीवन में ठोस योगदान दिखे; “जो केवल बयानबाज़ी करे, उसे गुरु कहना बंद करो।” यह अपील उन्होंने सनातन को मज़बूत करने और आपसी कलह से बचने के संदर्भ में की।

मुख्य बिंदु 

  • आवाहन: “सबका आत्ममूल्यांकन हो—मैं देश को बनाने में क्या दे रहा हूँ?” स्वामी रामदेव ने जात-पात से ऊपर उठकर एकजुट रहने की बात दोहराई।
  • बयान का निशाना: हालिया धार्मिक/कथावाचक विवादों पर—“जो ग़लत/भड़काऊ कथन करते हैं, वे सनातन के हित में नहीं।”
  • गुरु की परिभाषा: “सेवा + सृजन + अनुशासन”—हेल्थ, शिक्षा, कृषि-उद्योग जैसे क्षेत्रों में रचनात्मक काम ही असली पहचान। (पिछले बयानों/इवेंट्स में भी यही रुख)

सन्दर्भ बॉक्स 

  • ABP के ताज़ा इंटरव्यू/वीडियो में यह अपील सीधे-सीधे रखी गई—“सनातन को कमजोर करने वाली घटिया बातें बंद होनी चाहिए”; समाज को राष्ट्र-निर्माण की ओर मोड़ने की बात।
  • रामदेव लंबे समय से योग-आयुर्वेद व स्वदेशी-आत्मनिर्भरता पर ज़ोर देते रहे हैं; हाल की कवरेज में भी यही नैरेटिव।
    स्वामी रामदेव का बयान: जो भारत निर्माण में योगदान नहीं देता वो धर्म का गुरु नहीं है,


क्विक एनालिसिस (संक्षेप)

यह बयान धार्मिक ब्रह्मवाक्य नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस-आधारित आचार-संहिता का प्रस्ताव है: गुरु = अनुकरणीय काम। संदेश सीधा है—“प्रभाव नहीं, योगदान दिखाओ।” इससे बहस व्यक्तियों से हटकर काम और जवाबदेही पर शिफ्ट होती है।


स्रोत (क्लिक-टू-रीड)

ABP Live विडियो/क्लिप्स और कवरेज:
पृष्ठभूमि/पूर्व वक्तव्य:



Post a Comment

Previous Post Next Post