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अखिलेश यादव बैरिकेड पर चढ़ते और कूदते हुए देखे गए।



Rizwan Short News 
10/08/2025

हाल ही में, विपक्ष के "इंडिया" गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग (EC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।




यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची के "स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन" (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित "मतदाता धोखाधड़ी" के आरोपों को लेकर किया गया था।
इस विरोध मार्च के दौरान, जब दिल्ली पुलिस ने विपक्षी नेताओं को चुनाव आयोग के कार्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए, तो समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव बैरिकेड पर चढ़ते और कूदते हुए देखे गए।
यह घटना काफी चर्चा में रही और इसके कई पहलू हैं:
 * राजनीतिक संदेश: बैरिकेड पर चढ़ना और कूदना एक प्रतीकात्मक कार्य था। अखिलेश यादव ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि वे और उनकी पार्टी, जनता के वोट को बचाने के लिए किसी भी बाधा को पार करने को तैयार हैं। उन्होंने पुलिस के रोकने के प्रयासों को भी जनता के वोट को रोकने के प्रयास के रूप में दर्शाया।
 * पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरणा: इस तरह की कार्रवाई से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ता है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस कदम की सराहना की और इसे "संघर्ष की पहचान" बताया।

 * चुनाव आयोग पर आरोप: इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य चुनाव आयोग पर दबाव डालना था। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहा है
और मतदाता सूचियों में धांधली की जा रही है।
 * विरोध प्रदर्शन: विरोध मार्च में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेता शामिल थे। जब पुलिस ने उन्हें रोका, तो वे उसी जगह धरने पर बैठ गए और "वोट चोरी बंद करो" जैसे नारे लगाए।
कुल मिलाकर, अखिलेश यादव का बैरिकेड पर चढ़ना इस विरोध प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण और वायरल पल बन गया, जिसने विपक्ष के इस आंदोलन को और अधिक ध्यान आकर्षित करने में मदद की।

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