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कोलंबिया राष्ट्रपति ने यूएन में इज़राइल पर तीखी निंदा करते हुए “नाज़ियों” से तुलना की;

कोलंबिया के राष्ट्रपति का ऐतिहासिक बयान: फ़िलिस्तीन मुक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय सेना की पुकार, ब्राज़ीलियाई राष्ट्रपति का सार्वजनिक समर्थन

कोलंबिया राष्ट्रपति ने यूएन में इज़राइल पर तीखी निंदा करते हुए “नाज़ियों” से तुलना की; एशियाई देशों से 20,000 सैनिकों की संभावित तैनाती की अपील की, और ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने मंच पर उन्हें चुंबन कर दिखाया समर्थन — अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स।
कोलंबिया के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन की मुक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय सेना बनाने की अपील की और इज़राइल की नीतियों की कड़ी निंदा की; ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से समर्थन दिखाया। Reuters, Al Jazeera, The Guardian, Al Jazeera आदि ने कवरेज की है।
Reporter: Times Watch Desk
Type: Special Report / Diplomatic developments

न्यूयॉर्क / टाइम्स वॉच: सार्वजनिक रिपोर्टों के अनुसार, कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में दिए गए अपने भाषण और सरेआम बयानों में इज़राइल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की और उन्हें “नाज़ियों” के समान बताया — साथ ही उन्होंने फ़िलिस्तीन के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सैनिक बल गठित करने का खुला आह्वान किया।



कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि पेट्रो ने एशियाई देशों और वैश्विक दक्षिण के देशों से कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो कोलंबिया अपनी ओर से लगभग 20,000 सैनिक तक उस बल के लिए देने के लिए तैयार है या ऐसे बल के गठन का समर्थन करेगा — यह बयान कई समाचार संस्थानों में उद्धृत हुआ है। स्रोतों में यह भी कहा गया कि पेट्रो ने हथियार आपूर्ति पर कड़ा रुख दिखाते हुए आदेश दिया कि कोई भी जहाज़ जो इज़राइल को हथियार पहुँचाएगा, वह कोलंबियाई जल-क्षेत्र से गुज़रेगा तो उसे रोका जाएगा (रिपोर्टों के हवाले से)।

पेट्रो के हमलावर लहज़े और “नाज़ियों” जैसी तुलना के बाद एक नाटकीय कूटनीतिक क्षण भी सामने आया — ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने संयुक्त राष्ट्र में पेट्रो का सार्वजनिक रूप से拥抱 / सम्मान करते हुए उन्हें चुंबन देकर एक प्रभावशाली समर्थन-इशारा दिया। इस इशारे को कई मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया क्लिप्स ने हाईलाइट किया है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया की कवरेज में यह भी उल्लेख है कि पेट्रो ने उन अरब देशों का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया — उनके शब्दों के अनुसार यह उनकी जानकारियों और उन देशों की मौजूदा चुप्पियों के चलते था। उनके भाषण और रैलियों के वीडियो क्लिप्स में पेट्रो ने ग़ाज़ा के खिलाफ कार्रवाइयों को “जनसंहार/जेनोसाइड” कहा और विश्व समुदाय से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

इन बयानों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया तेज़ आई: कुछ देशों और डिप्लोमैटिक सर्कुलर ने पेट्रो की निंदा की, तो समर्थक देशों और वैश्विक दक्षिण के कुछ हलकों ने उनकी वाणी की सराहना की। कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अमेरिका ने भी कूटनीतिक कदम उठाए (उदाहरण के लिए वीज़ा निलंबन संबंधित रिपोर्टें)।

 

स्रोत / रीडिंग

  1. Washington Post — State Department revokes visa for Colombian President Gustavo Petro (coverage of US reaction & related statements)
  2. Al Jazeera — US revokes Colombian President Petro's visa over remarks in NYC
  3. The Guardian — (background coverage on Petro's past statements and Colombia-Israel ties)
  4. Colombia Reports — Petro calls on UN to create “powerful army” to liberate Palestine
  5. Moneycontrol — Coverage of Lula’s public gesture of solidarity
नोट: ऊपर दिए गए लिंक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज पर आधारित हैं;

 

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