Rizwan Short News
14/08/2025
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1. Al Jazeera
हेडलाइन और एंगल:
अल जज़ीरा ने इसे "India opposition leader alleges vote rigging in national elections" जैसे शीर्षक के साथ पेश किया।
रिपोर्ट का मुख्य फोकस:
राहुल गांधी के इस बयान को विपक्ष के आरोपों की बड़ी श्रृंखला का हिस्सा बताया।
रिपोर्ट में ज़िक्र है कि राहुल गांधी ने कहा कि "चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष की मिलीभगत से मतगणना के दौरान गड़बड़ी हुई"।
अल जज़ीरा ने इसे "serious challenge to the credibility of India’s democratic process" कहा।
अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण:
उन्होंने पृष्ठभूमि में यह भी जोड़ा कि पश्चिमी देशों में भी इस तरह के चुनावी धांधली के आरोप अक्सर राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ाते हैं, और भारत में यह बयान वैश्विक लोकतंत्र की छवि पर असर डाल सकता है।
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2. BBC (UK)
राहुल गांधी के बयान को "sharp escalation in post-election rhetoric" कहा।
बीबीसी ने दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया दी — बीजेपी ने इसे "desperation and excuse-making" बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे "people’s mandate theft" कहा।
उन्होंने 2019 और 2024 दोनों चुनावों में विपक्ष के मतगणना पारदर्शिता पर उठाए सवालों को जोड़ा।
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3. The Guardian
इसे "a rare direct accusation of electoral theft in the world’s largest democracy" कहा।
रिपोर्ट में कहा गया कि राहुल गांधी ने वोट चोरी की बात करते हुए विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में धांधली के संकेत दिए।
द गार्डियन ने यह भी लिखा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को चुनाव निगरानी की अनुमति नहीं दी जाती, जिससे ऐसे आरोपों की स्वतंत्र जांच मुश्किल हो जाती है।
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4. Reuters / Associated Press (AP)
उन्होंने बयान को "unverified claim" बताया और स्पष्ट किया कि अभी तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है।
रिपोर्ट ने बाजार, निवेशक और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों की प्रतिक्रिया भी जोड़ी, जिसमें कहा गया कि इस तरह के बयान निवेशकों के भरोसे पर असर डाल सकते हैं।
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विदेशी मीडिया का कुल मिलाकर नजरिया:
गंभीरता से लिया: अधिकतर विदेशी मीडिया ने इसे केवल "राजनीतिक बयान" नहीं बल्कि लोकतंत्र की पारदर्शिता पर सवाल उठाने वाला गंभीर आरोप माना।
तटस्थ भाषा: पश्चिमी समाचार एजेंसियां (Reuters, AP) ने "allegation", "claim" जैसे शब्द इस्तेमाल कर इसे तथ्य के बजाय आरोप के रूप में रिपोर्ट किया।
भारत की छवि पर असर: The Guardian और Al Jazeera जैसे आउटलेट्स ने संकेत दिया कि ऐसे बयान भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और लोकतांत्रिक मान्यता पर दबाव डाल सकते हैं।
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