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📌भारत का नया विधेयक, जेल गए नेता होंगे तुरंत बर्खास्त
विपक्ष का आरोप – लोकतंत्र को कमजोर करने की चाल
नई दिल्ली — भारत सरकार ने संसद में एक अहम विधेयक पेश किया है, जिसके अनुसार यदि कोई निर्वाचित सांसद या विधायक गंभीर अपराध के मामले में 30 दिनों से अधिक जेल में रहता है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाएगी।
सरकार का तर्क
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि इस बिल का मक़सद राजनीति से अपराधियों को बाहर करना है। उनका कहना था कि जनता का विश्वास उन नेताओं पर नहीं रह सकता जो जेल की सज़ा काट रहे हों।
- यह प्रावधान नेताओं को “विशेष सुरक्षा कवच” मिलने से रोकेगा।
- कानून सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों पर समान रूप से लागू होगा।
- अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने पर तुरंत प्रभाव से सीट खाली हो जाएगी।
विपक्ष का आरोप
विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।
- कांग्रेस ने कहा कि इससे सत्ता पक्ष को असहमति की आवाज़ दबाने का मौका मिलेगा।
- आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे दलों ने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए ऐसे क़ानून ला रही है।
- विपक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि अगर किसी निर्दोष को फँसाकर जेल भेजा जाए तो उसका क्या होगा?
- विधेयक पेश होते ही संसद में तीखी बहस हुई।
- कुछ क्षेत्रीय दलों ने सरकार का समर्थन भी किया, यह कहते हुए कि अपराधियों की राजनीति में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल पास होने पर देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके दुरुपयोग का खतरा भी कम नहीं है।
अगला कदम
विधेयक को अब संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा, जहाँ उस पर विस्तार से चर्चा होगी। यदि संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल जाती है, तो यह कानून पूरे देश में लागू हो जाएगा।
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