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असम में नफ़रत का डिजिटल ड्रामा — कांग्रेस ने BJP के एआई-जनित वीडियो पर Dispur थाना में शिकायत दर्ज कराई


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बीटीसी चुनाव से पहले साझा किया गया वीडियो, कांग्रेस का आरोप — सांप्रदायिक अशांति भड़काने, नेताओं और मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने का प्रयास।

New Delhi 19 September 2025 

यह कोई कहानी नहीं — यह असल समय की चेतावनी है। एक एआई-जनित वीडियो जिसने एक पूरे राज्य की शांति के धागे को छेड़ दिया है: सोमवार को भाजपा-असम के आधिकारिक सोशल-हैंडल पर शेयर किया गया वह क्लिप न सिर्फ़ विपक्षी नेताओं को बदनाम करने का दावा करती है बल्कि मुस्लिम समुदाय को एक काल्पनिक सामाजिक बदलाव की वजह से खतरनाक ठहराती है। कांग्रेस ने इसे सांप्रदायिक अशांति भड़काने, धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्यता पैदा करने, और बीटीसी (Bodoland Territorial Council) चुनावों की चल रही आदर्श-आचार-संहिता के उल्लंघन के तौर पर रेखांकित करते हुए Dispur थाने में शिकायत दर्ज कराई है — मामला अब पुलिस के पास है और राजनैतिक तापमान चढ़ चुका है।

पूरी रिपोर्ट

  1. वीडियो में क्या था?
    भाजपा-असम के X (पूर्व Twitter) और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर किए गए इस वीडियो का शीर्षक था: “Assam without BJP”

    • वीडियो में एक व्यक्ति को खोपड़ी वाला टोपी (स्कल कैप) पहनकर सड़क किनारे मांस काटते दिखाया गया और इसे “beef legalization” से जोड़ा गया।

    • विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर बुर्क़ा और हिजाब पहनी महिलाओं को दिखाया गया — जैसे एयरपोर्ट, स्टेडियम और पार्क।

    • कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और राहुल गांधी को पाकिस्तान के झंडे के सामने खड़े दर्शाया गया।

    • वीडियो के अंत में चेतावनी थी: “Choose your vote carefully”


असम BJP के एआई-वीडियो का स्क्रीनशॉट (blurred) — कांग्रेस ने Dispur थाने में शिकायत दर्ज कराई"
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष बेदब्रत बोरा ने दिसपुर पुलिस स्टेशन में राज्य भाजपा के सोशल मीडिया सेल के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. (फोटो साभार: X/ @GauravGogoiAsm) Credit To The Wire - Hindi


  1. कांग्रेस की शिकायत
    असम प्रदेश कांग्रेस समिति ने Dispur पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया गया कि यह वीडियो:

    • सांप्रदायिक अशांति भड़काता है

    • धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाता है

    • आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है

    • और मिसइन्फॉर्मेशन फैलाने का हथियार है।

  2. कानूनी आधार
    कांग्रेस ने अपनी शिकायत में IPC की धाराएँ 153A (धार्मिक समूहों में दुश्मनी), 295A (धार्मिक भावनाएँ आहत करना) और 505 (झूठी अफवाह फैलाना) का हवाला दिया है। चुनाव आयोग की आचार संहिता भी इस तरह के प्रचार पर रोक लगाती है।

  3. बीजेपी का बचाव
    भाजपा असम इकाई का कहना है कि यह वीडियो वास्तविकता का चित्रण है और इसमें किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने का मक़सद नहीं। उनका तर्क है कि कांग्रेस के शासनकाल में असम में “डेमोग्राफिक बदलाव” की समस्या बढ़ी और वीडियो उसी खतरे को दिखाता है।

  4. वर्तमान स्थिति
    शिकायत Dispur थाना में दर्ज हो चुकी है, लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।


निष्कर्ष

बीटीसी चुनाव से पहले उठे इस विवाद ने साफ कर दिया है कि अब राजनीति में एआई और डीपफेक भी एक नए हथियार के तौर पर इस्तेमाल हो रहे हैं। सवाल यही है — क्या यह लोकतंत्र को मजबूत करेगा या नफ़रत और भ्रम की दीवारें और ऊँची खड़ी करेगा? 

संक्षेप में (फैक्टबॉक्स)

  • क्या हुआ: BJP-Assam के सोशल पोस्ट पर AI-वीडियो पोस्ट हुआ जिसमें कांग्रेस नेताओं और मुस्लिम-समुदाय के बारे में भड़काऊ दृश्य/संदेश दिखाए गए। The New Indian Express+1

  • शिकायत: असम कांग्रेस ने Dispur थाना में शिकायत दर्ज कराई; आरोप — सांप्रदायिक अशांति भड़काना, आचार-संहिता का उल्लंघन। The Wire - Hindi

  • कौन-कहां: शिकायत में पार्टी ने वीडियो को भ्रामक/इस्लामोफोबिक बताया और मुख्य प्रभावित नामों में गौरव गोही (Gaurav Gogoi) व अन्य नेता शामिल बताए गए। The New Indian Express+1

  • राजनीतिक समय: विवाद — बीटीसी चुनाव से ठीक पहले (चुनावी माहौल में)। Guwahati Plus


     

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