Top News

romanchak jankariyan😱

साल 1667: जानवरों के बाद, फ्रांस के एक चिकित्सक जीन-बैप्टिस्ट डेनिस ने यह प्रयोग इंसान पर किया। उन्होंने एक 15 साल के बीमार लड़के को एक भेड़ का खून दिया।


Rizwan Short News 
11/08/2025

दुनिया में खून देने की शुरुआत कब कहां और किसने शुरू की? आओ, इसकी तह तक जाते हैं...
इसका सीधा जवाब देना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि आधुनिक रक्तदान की शुरुआत कई चरणों में हुई। यह एक ही दिन में नहीं हुआ। लेकिन हाँ, इसकी एक दिलचस्प कहानी है:
सबसे पहले जानवर से जानवर को
 * साल 1666: रक्तदान का सबसे पहला सफल प्रयास इंसानों पर नहीं, बल्कि जानवरों पर हुआ था। इंग्लैंड के एक डॉक्टर रिचर्ड लोवर ने दो कुत्तों के बीच खून का आदान-प्रदान किया
और वे दोनों ही बच गए! सोचो, उस समय यह कितना क्रांतिकारी रहा होगा।
फिर आया इंसान पर प्रयोग, लेकिन...
 * साल 1667: जानवरों के बाद, फ्रांस के एक चिकित्सक जीन-बैप्टिस्ट डेनिस ने यह प्रयोग इंसान पर किया। उन्होंने एक 15 साल के बीमार लड़के को एक भेड़ का खून दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि लड़का बच गया! लेकिन यह सफलता ज़्यादा दिनों तक नहीं चली। कुछ और लोगों पर जब यही प्रयोग किया गया, तो वे मर गए। इसका कारण यह था कि उन्हें खून के ग्रुप के बारे में पता नहीं था। इस वजह से, फ्रांस में इस तरह के प्रयोगों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
असली टर्निंग पॉइंट
 * साल 1901: कहानी में असली हीरो की एंट्री होती है। ऑस्ट्रियाई वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने रक्त समूहों (Blood Groups) की खोज की।
उन्होंने बताया कि खून A, B, O और AB जैसे अलग-अलग ग्रुप का होता है और इन्हें आपस में बिना जाँच के मिलाना खतरनाक है। यही वो खोज थी जिसने रक्तदान को सुरक्षित


 बनाया। इसी वजह से आज भी हम उनके जन्मदिन (14 जून) को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाते हैं।
तो संक्षेप में, कहानी का सार कुछ ऐसा है:
 * पहला सफल "ट्रांसफ्यूजन" (खून का आदान-प्रदान): 1666 में रिचर्ड लोवर द्वारा दो कुत्तों के बीच।
 * इंसान पर पहला प्रयास: 1667 में जीन-बैप्टिस्ट डेनिस द्वारा एक लड़के को भेड़ का खून देकर।
 * आधुनिक, सुरक्षित रक्तदान की शुरुआत: 1901 में कार्ल लैंडस्टीनर द्वारा रक्त समूहों की खोज के बाद।
इस तरह, एक भेड़ के खून से शुरू हुई यह कहानी, आज लाखों इंसानों की जान बचा रही है। है ना मज़ेदार?




Post a Comment

Previous Post Next Post