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ध्रुव राठी का बड़ा विश्लेषण: वोट चोरी के आरोप और चुनाव आयोग की सफाई पर सवाल

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🔹 ध्रुव राठी की मुख्य बातें | राहुल गांधी का आरोप गंभीर है | EC की सफाई पर सवाल | CEC ज्ञानेश कुमार की भूमिका | धांधली के उदाहरण |समझ गया भाई 👍

📰Times Watch - दम तोड़ते सच को बचाने की कोशिश,

29 अगस्त 2025

📰नई दिल्ली 

📰राहुल गाँधी का वोट चोरी का आरोप चुनाव आयोग 

और भाजपाई नेताओं की सफाई पर ध्रुव राठी का  विश्लेषण

नई दिल्ली, 28 अगस्त 2025
लोकप्रिय यूट्यूबर और पब्लिक इन्फ्लुएंसर ध्रुव राठी (29 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स) ने राहुल गांधी के वोट चोरी वाले बयान और चुनाव आयोग की सफाई पर बड़ा विश्लेषण किया है।

राठी ने कहा कि यह मामला सिर्फ़ भाजपा बनाम कांग्रेस का नहीं है, बल्कि हर भारतीय नागरिक के मताधिकार और लोकतंत्र की विश्वसनीयता का सवाल है।

ध्रुव राठी प्रेस विश्लेषण करते हुए, बैकग्राउंड में वोटिंग और चुनाव आयोग की झलक


🔹ध्रुव राठी की कुछ मुख्य बातें 

  1. राहुल गांधी का आरोप गंभीर है

    • यह सिर्फ़ राजनीति नहीं, बल्कि जनता के वोट का सवाल है।
    • लोकतंत्र में हर वोट पवित्र है, और यदि उसमें गड़बड़ी है तो जांच ज़रूरी है।
  2. EC की सफाई पर सवाल

    • चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी को एफिडेविट देना होगा।
    • राठी का सवाल: “डेटा तो खुद EC का है, फिर राहुल से सबूत क्यों मांगे जा रहे हैं?”
    • भाजपा नेताओं ने भी कई बार वोटर डेटा पर सवाल उठाए, लेकिन उनसे एफिडेविट नहीं मांगा गया।
  3. CEC ज्ञानेश कुमार की भूमिका

    • प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका रवैया “सत्ताधारी दल के प्रवक्ता” जैसा लगा।
    • जनता की शंका दूर करने के बजाय टाल-मटोल और राजनीतिक अंदाज़।
  4. धांधली के उदाहरण

    • कई मृतक अब भी वोटर लिस्ट में जीवित दिखाए गए।
    • एक ही पते पर सैकड़ों वोटर दर्ज।
    • अजीबोगरीब नाम जैसे कीबोर्ड की टाइपिंग से बने नकली एंट्री।
  5. नैतिक जिम्मेदारी


    • राठी का कहना है कि चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है पारदर्शिता साबित करना।
    • आरोपियों से सबूत मांगना गलत है।
    • “अगर आप साफ नहीं दिखा पा रहे, तो पद छोड़ दीजिए।”
  6. इंपिचमेंट मोशन का समर्थन

    • INDIA गठबंधन का कदम लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में सही बताया।
    • कहा कि BJP को भी समर्थन देना चाहिए, “लेकिन वो देंगे नहीं क्योंकि उन्हें फायदा मिल रहा है।”
  7. जनता से अपील

    • यह कांग्रेस या राहुल गांधी का मुद्दा नहीं।
    • यह हर भारतीय नागरिक के वोट की इज़्ज़त का सवाल है।
    • “अगर आज चुप रहे तो कल आपका वोट भी गायब हो सकता है।”

  8. 📝निष्कर्ष 

    ध्रुव राठी ने साफ़ कहा कि “यह लड़ाई राहुल गांधी की नहीं, बल्कि हर वोटर की है।”
    उनका विश्लेषण लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत करने की अपील है और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।


    नोट: यहाँ नीचे मैं ध्रुव राठी की यूट्यूब वीडियो में कहे एक शब्द को Timeline के साथ दे रहा हूँ, 
0:00
जो जिंदा लोग हैं उन्हें वोटर लिस्ट पर
0:01
मुर्दा घोषित कर दिया जा रहा है और जो मर
0:03
चुके हैं उन्हें जिंदा कहा जा रहा है।
0:06
माना कि देश में सांप्रदायिकता है,
0:08
जातिवाद है लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि
0:10
यूनिटी एंड डायवर्सिटी के नाम पर इलेक्शन
0:12
कमीशन 509 लोगों को एक ही घर में घुसा दे।
0:15
लेकिन हमारे चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश
0:17
कुमार अभी भी पूरे देश को गैसलाइट करने की
0:20
कोशिश कर रहे हैं। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस
0:22
में कहते हैं कि हम सीसीटीवी फुटेज नहीं
0:23
दिखा सकते क्योंकि माताओं और बहनों की
0:26
वीडियो कैसे दिखाएंगे? क्या अपनी माताओं,
0:28
बहुओं, बेटियों सहित किसी भी मतदाता की
0:31
सीसीटीवी वीडियो चुनाव आयोग को साझा करनी
0:34
चाहिए क्या?
0:34
करनी चाहिए क्या?
0:36
अरे बाप रे। क्या आप यहां बाथरूम की फुटेज
0:38
दिखा रहे हो? क्या किसी के बेडरूम की
0:40
फुटेज दिखा रहे हो? नहीं ना। किसी के घर
0:42
के अंदर की फुटेज तो नहीं है ना? यह
0:44
पोलिंग बूथ है और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस
0:46
में आकर चिल्लाते हैं कि एविडेंस कहां है?
0:48
एविडेंस लेकर आओ। सारा एविडेंस तो अपनी
0:50
पॉकेट में रख रखा है। नमस्कार दोस्तों। 7
0:53
अगस्त 2025। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की
0:56
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने। उन्होंने
0:58
वोट चोरी को एक्सपोज किया।
1:01
एक असेंबली में 1 लाख फेक वोटर्स।
1:04
13 अगस्त को दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की
1:06
बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने। उन्होंने भी
1:08
वोटिंग में धांधली की बात की।
1:10
2 लाख 999,000 डाउटफुल वोटर्स। यह देखिए
1:13
कैसे हैं।
1:14
और 17 अगस्त को तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की
1:17
इलेक्शन कमीशन ने। लोगों ने सोचा था कि
1:19
वोट चोरी के इल्जामों पर कुछ करारा जवाब
1:21
देंगे। लेकिन चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश
1:23
कुमार ने इतनी अजीबोगरीब बातें कही कि
1:26
यहां एक पूरा मीम फेस्ट बन गया।
1:34
आइए इस पूरे मुद्दे को थोड़ा गहराई से
1:36
समझते हैं। राहुल गांधी की वोट चोरी वाली
1:38
प्रेस कॉन्फ्रेंस की ये तस्वीर आपने जरूर
1:40
देखी होगी। सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुई
1:42
है। इस फोटो में ऊपर लिखा है 1,250 वोट
1:45
चोरी। नीचे लिखा है पांच तरह की वोट चोरी।
1:48
क्या है यह पांच तरीके? डुप्लीकेट वोटर्स
1:51
11,000 से ज्यादा, फेक और इनवैलिड
1:53
एड्रेसेस 400 से ज्यादा। एक ही एड्रेस पर
1:56
बल्क वोटर्स 10,000 से ज्यादा, इनवैलिड
1:58
फोटो 4,000 से ज्यादा और फॉर्म छह का
2:01
मिसयूज 33,000 से ज्यादा। ये टोटल में 1
2:04
लाख से ज्यादा का नंबर होता है। ये देखकर
2:06
शायद आपको लगे कि पूरे देश भर की बात की
2:08
जा रही है। या फिर एक सिंगल स्टेट की बात
2:10
की जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं है दोस्तों।
2:11
आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि ये जो पूरी
2:14
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्वेस्टिगेशन राहुल
2:16
गांधी की टीम ने करी। यह सिर्फ एक सिंगल
2:18
कॉन्स्टिट्यूएंसी में करी। यह
2:20
कॉन्स्टिट्यूएंसी है बेंगलुरु सेंट्रल
2:22
लोकसभा सीट। इसके अंदर भी एक सेगमेंट की
2:24
बात की जा रही है। महादेवपुरा असेंबली
2:27
सेगमेंट। यहां पर टोटल वोट्स ही करीब 6.5
2:29
लाख थे। तो आप इमेजिन कर सकते हो कि किस
2:32
मैग्नीट्यूड की यहां पर चोरी हुई है। इस
2:34
बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट में टोटल में
2:36
सात सेगमेंट्स थे। और कांग्रेस कैंडिडेट
2:38
ने बाकी सभी छह सेगमेंट्स में जीत भी दर्ज
2:40
की थी। लेकिन इस एक सेगमेंट में
2:43
महादेवापुर सेगमेंट में वो बड़ी संख्या से
2:45
पिछड़ गए। और सिर्फ इसी कारण से 2024 की
2:48
लोकसभा इलेक्शंस में पूरा रिजल्ट पलट गया
2:51
इस सीट का। विनिंग मार्जिन यहां पर था
2:52
32,707 का, और वोट चोरी कितनी एलेज की गई?
2:56
1,250।
2:58
इसका मतलब यह हुआ दोस्तों, कि डेमोक्रेसी
3:01
को हाईजैक किया जा चुका है। राहुल गांधी
3:03
ने यह भी आरोप लगाया है कि 2024 की
3:05
महाराष्ट्र असेंबली इलेक्शंस को भी कुछ
3:07
इसी तरीके से चुरा लिया गया था। असल में
3:09
ये बात पहले भी उठी थी दोस्तों। आप यह 16
3:11
जनवरी का न्यूज़ आर्टिकल देख सकते हैं।
3:13
देश भर में लोकसभा के इलेक्शंस और
3:14
महाराष्ट्र में असेंबली इलेक्शंस सिर्फ
3:16
कुछ ही महीने के गैप में हुए थे। लेकिन
3:18
जितने वोटर्स ने लोकसभा की इलेक्शन में
3:20
वोट दिया और जितने वोटर्स ने महाराष्ट्र
3:21
की स्टेट इलेक्शंस में वोट दिया उसमें एक
3:24
बहुत बड़ा अंतर है। स्टेट इलेक्शंस में
3:26
अचानक से 1 करोड़ नए वोटर्स जुड़ गए। केवल
3:29
5 6 महीने में 1 करोड़ नए वोटर्स। ऐसा
3:32
कैसे हो सकता है? इतने वोटर्स तो 5 साल
3:34
में भी नहीं जुड़े। 1 करोड़ नए वोटर
3:36
विधानसभा में वोट करते हैं। लोकसभा में
3:38
नहीं किया। विधानसभा में किया। राहुल
3:39
गांधी ने उस समय भी कहा था कि सीसीटीवी
3:41
फुटेज देना और वोटर लिस्ट देना इलेक्शन
3:43
कमिशन का फर्ज है। लेकिन अब 20 जून का यह
3:45
न्यूज़ आर्टिकल देखिए। इलेक्शन कमिशन ने
3:47
पोलिंग ऑफिसर्स को कहा कि चुनाव के 45 दिन
3:50
बाद सीसीटीवी फुटेज को डिस्ट्रॉय कर सकते
3:53
हो। जब इंडिया टुडे ने आरटीआई फाइल करके
3:55
पूछा कि इसके पीछे क्या कारण है? ऐसा
3:57
क्यों करना चाहते हो? तो इलेक्शन कमीशन ने
3:59
कारण बताने से मना कर दिया। इन्होंने कहा
4:01
कि मैटर सबजिडिस है। जबकि 2017 में
4:03
सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमीशन ने साफ तौर पर
4:06
कहा है कि किसी सब्जिडिस मैटर में भी अगर
4:08
किसी कोर्ट या ट्रिब्यूनल ने इंफॉर्मेशन
4:10
देने से एक्सप्रेसली मना किया है। केवल
4:13
उसी केस में आप इंफॉर्मेशन को विदहोल्ड कर
4:15
सकते हैं। वरना आपको आरटीआई एक्ट के तहत
4:17
इंफॉर्मेशन देनी होती है। राहुल गांधी ने
4:19
कहा कि इलेक्शन कमीशन द्वारा सीसीटीवी
4:21
फुटेज को डिस्ट्रॉय करने की बात कहना
4:23
सरप्राइजिंग था क्योंकि महाराष्ट्र चुनाव
4:25
को लेकर सवाल उठ चुके थे। इलेक्शन कमिशन
4:27
ने कहा, शाम को 5:30 बजे के बाद बहुत भारी
4:30
संख्या में वोटिंग हुई थी महाराष्ट्र में।
4:32
लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि हमारे लोग
4:33
पोलिंग बूथ्स पर ही खड़े थे। ऐसा कुछ भी
4:35
नहीं हुआ था। इलेक्शन कमिशन कहता है 5:30
4:37
बजे बहुत भारी वोटिंग हुई। हमारे पोलिंग
4:39
बूथ के वर्कर्स कहते हैं 5:30 बजे कोई
4:41
भारी वोटिंग नहीं हुई थी। कोई लाइनें
4:42
नहीं।
4:43
अब इस बात को बड़ी आसानी से सीसीटीवी
4:45
फुटेज से वेरीफाई किया जा सकता था। लेकिन
4:47
नहीं सीसीटीवी फुटेज को तो भाई डिस्ट्रॉय
4:49
कर देना है 45 दिनों के बाद। यही कारण है
4:51
दोस्तों, कि राहुल गांधी ने कहा कि
4:53
इलेक्शंस में चोरी करने के लिए इलेक्शन
4:55
कमिशन बीजेपी के साथ मिली हुई थी। भाइयों
4:57
और बहनों सच्चाई ये है कि हिंदुस्तान में
5:01
इलेक्शन कमीशन और बीजेपी मिलकर इलेक्शन
5:05
चोरी कर रहे हैं। ये पूरा का पूरा सबूत
5:08
ब्लैक एंड वाइट में आज हमने आपको दिया है।
5:11
अब कुछ लोग ऐसे हैं दोस्तों हमारे देश में
5:13
जो हमारे नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री
5:15
नरेंद्र मोदी को अपना लिविंग गॉड मान चुके
5:17
हैं। ऐसे लोगों से तो लॉजिक की उम्मीद
5:19
नहीं की जा सकती लेकिन जो बाकी लोग हैं आप
5:21
एक कॉमन सेंस की बात सोचिए। चलिए एआईएफ
5:23
यस्ता पर मौजूद सभी एआईएस से ये सवाल पूछ
5:26
लेते हैं। एक लॉजिक का सवाल है। दो लाइन
5:28
में जवाब देना। अगर चुनाव को लेकर सवाल उठ
5:30
रहे हैं और इलेक्शन कमीशन के रोल पर लोगों
5:32
को सस्पिशन हो रहा है तो ऐसे में एक
5:34
बेगुनाह मासूम इलेक्शन कमीशन सीसीटीवी
5:37
फुटेज को प्रिजर्व करेगा या पोलिंग
5:40
ऑफिसर्स को सीसीटीवी फुटेज डिस्ट्रॉय करने
5:42
के लिए कहेगा।
5:44
चैट जीपीटी ने कहा कि एक बेगुनाह और
5:46
जिम्मेदार इलेक्शन कमीशन स्वाभाविक रूप से
5:49
सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखेगा।
5:52
जेमिनाई ने कहा कि एक बेगुनाह चुनाव आयोग
5:54
सीसीटीवी फुटेज को हर हाल में सुरक्षित
5:56
रखेगा। उसे नष्ट करने का आदेश कभी नहीं
5:59
देगा। डीप सीक ने भी यही कहा कि इलेक्शन
6:01
कमीशन सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व रखेगा।
6:03
पर प्लेसिटी ने भी यही कहा, क्लॉड ने भी
6:06
यही कहा, क्रॉक ने भी यही कहा और जिस भी
6:08
इंसान के अंदर थोड़ी सी भी कॉमन सेंस है,
6:10
वो भी यही कहेगा। लेकिन हमारे चीफ इलेक्शन
6:12
कमिश्नर ज्ञानेश कुमार अभी भी पूरे देश को
6:15
गैसलाइट करने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी
6:17
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि हम
6:19
सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखा सकते क्योंकि
6:21
माताओं और बहनों की वीडियो कैसे दिखाएंगे?
6:23
क्या अपनी माताओं, बहुओं, बेटियों सहित
6:26
किसी भी मतदाता की सीसीटीवी वीडियो चुनाव
6:29
आयोग को साझा करनी चाहिए क्या?
6:31
अरे बाप रे। क्या आप यहां बाथरूम की फुटेज
6:34
दिखा रहे हो? क्या किसी के बेडरूम की
6:35
फुटेज दिखा रहे हो? नहीं ना। किसी के घर
6:37
के अंदर की फुटेज तो नहीं है ना? यह
6:39
पोलिंग बूथ है। यहां पर लोग कपड़े पहन कर
6:41
आते हैं। इनफैक्ट यह पोलिंग बूथ में सिर्फ
6:43
वोट डालने की सीसीटीवी फुटेज है। हमें तो
6:45
यहां पर किसी का चेहरा भी नहीं देखना। बस
6:47
एक अंदाजा लगाना है कि क्या 5:30 बजे के
6:49
बाद सही में इतनी बड़ी संख्या में लोग आए
6:52
थे वोट डालने के लिए या फिर नहीं आए थे।
6:54
सिर्फ भीड़ का अंदाजा लगाना है। और बात तो
6:56
यहां पर यह है कि अगर आप वोट चोरी जैसे
6:58
बाहरी एलगेशंस लगने पर भी सीसीटीवी फुटेज
7:00
नहीं दिखा सकते तो वहां सीसीटीवी लगाने का
7:02
पॉइंट क्या बना? हटा दो उस कैमरे को। फिर
7:04
लगा ही किस लिए रखा है? प्रेस कॉन्फ्रेंस
7:06
में राहुल गांधी ने हरियाणा और मध्य
7:07
प्रदेश के असेंबली इलेक्शंस का भी डिटेल
7:09
में जिक्र किया।
7:10
बीजेपी को एंटी इनकंबेंसी नहीं लगती थी।
7:13
ओपिनियन पोल एग्जिट पोल कुछ कहते थे।
7:14
रिजल्ट कुछ और आता था। हरियाणा,
7:16
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश उदाहरण माहौल
7:18
बनाया जाता था। अब मध्य प्रदेश के लीडर ऑफ
7:21
अपोजिशन उमंग सिंगार जो कांग्रेस के नेता
7:23
हैं उन्होंने 2023 के मध्य प्रदेश असेंबली
7:25
इलेक्शंस में भी 27 सीट पर वोट चोरी होने
7:28
का आरोप लगाया है। यह जो 27 सीटें हैं
7:31
इनमें बीजेपी का विनिंग मार्जिन केवल 28
7:33
वोट से लेकर 15600 वोट के बीच था। उदाहरण
7:36
के तौर पर सागर डिस्ट्रिक्ट की सुर्खी सीट
7:38
जहां बीजेपी नेता गोविंद सिंह राजपूत
7:40
जीते8
7:43
वोट्स से और इलेक्शन से पहले 2 महीने में
7:45
यहां 8994
7:47
वोट्स लिस्ट में ऐड किए गए। अब यहां तक
7:49
देखो तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि हो
7:51
सकता है इन 2 महीने में कुछ लोग 18 साल के
7:53
हुए होंगे और ये 8000 के करीब लोग होंगे
7:55
जो आ गए। लेकिन दिक्कत ये है कि यहां 5
7:57
जनवरी 2023 से 2 अगस्त 2023 तक करीबन 7
8:01
महीने में 464000
8:03
वोटर्स बढ़े। लेकिन अगले 2 महीने में यानी
8:05
कि सेकंड अगस्त से लेकर 4th अक्टूबर तक
8:08
165,000
8:10
वोटर्स बढ़ गए। जरा सोच कर देखो। 7 महीने
8:12
में करीबन 4.5 लाख और केवल 2 महीने में
8:15
करीबन 16 लाख वोटर्स बढ़ जाते हैं। यानी
8:17
हर रोज के करीबन 25,000 वोटर्स जुड़ गए।
8:20
क्या यह कहीं से भी एक नॉर्मल बात लग रही
8:22
है? इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि
8:24
दिसंबर 2022 में इलेक्शन कमीशन ने खुद
8:26
8,51,000
8:28
फेक और डुप्लीकेट एंट्रीज हटाने का
8:30
निर्देश दिया था। लेकिन किसी भी
8:32
डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर ने इसकी डिलीशन रिपोर्ट
8:34
को पब्लिक नहीं किया। दोस्तों इलेक्शंस
8:36
में फेयरनेस और ट्रांसपेरेंसी इंश्योर
8:38
करना इलेक्शन कमीशन का काम होता है। लेकिन
8:40
वो इसका ठीक उल्टा काम कर रहे हैं। जैसे
8:42
कि ये देखिए इलेक्शन कमीशन ने जून 2023
8:45
में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम,
8:47
राजस्थान और तेलंगाना के चीफ इलेक्ट्रोरल
8:49
ऑफिसर्स को एक डायरेक्टिव इशू किया कि
8:52
जनवरी से जून के बीच जो वोटर मॉडिफिकेशंस
8:54
हुई हैं उन्हें पब्लिश ना करें। मतलब सोच
8:57
कर देखो नॉर्मली डायरेक्टिव इशू किया जाता
9:00
है कि कुछ वोटर मॉडिफिकेशन हुई है उसे
9:01
पब्लिश कर दो। लेकिन यहां पे एक ऑर्डर
9:03
दिया जा रहा है कि मत पब्लिश करो। जब
9:05
इंडियन एक्सप्रेस ने इस चीज को लेकर स्टेट
9:08
इलेक्शन कमीशन को कांटेक्ट किया तो इन
9:10
एलिगेशंस पर जवाब देने से ही मना कर दिया
9:12
उन्होंने। और यहां यह भी बड़ी दिलचस्प चीज
9:14
है कि बीजेपी नेताओं ने रिप्लाई में क्या
9:16
जवाब दिया। इसे लेकर मध्य प्रदेश के
9:18
बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने कहा कि
9:20
असेंबली इलेक्शंस के 20 महीने बाद ही
9:22
कांग्रेस नींद से क्यों जागी है? जब
9:24
इलेक्शन रिजल्ट्स घोषित किए जा चुके हो
9:26
उसके 45 दिन के अंदर-अंदर आपको चैलेंज
9:28
करना होता है और वो प्रेस कॉन्फ्रेंस से
9:30
नहीं होता उसके लिए इलेक्शन पिटीशन देनी
9:33
होती है। यह बात इन्होंने यहां बिल्कुल
9:35
सही कही है कि अगर इलेक्शन रिजल्ट्स में
9:36
कोई गड़बड़ी लग रही है तो रिजल्ट्स
9:38
डिक्लेअर होने के 45 दिन के अंदर-अंदर
9:40
कोर्ट में इलेक्शन पिटीशन फाइल करना होता
9:42
है। इसका प्रोविजन हमारे कॉन्स्टिट्यूशन
9:44
में दिया गया है आर्टिकल 329 में। इसे
9:46
लेकर एक स्पेसिफिक लॉ भी है।
9:48
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951। इसका
9:51
सेक्शन 80A ये स्पेसिफाई करता है कि इसकी
9:54
जुरिसडिक्शन हाई कोर्ट के पास होगी। जबकि
9:56
सेक्शन 116A में यह स्पेसिफाई किया गया है
9:59
कि इलेक्शन पिटीशन के मामले में हाई कोर्ट
10:01
का जो जजमेंट है उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट
10:03
में भी अपील की जा सकती है। यहां ये भी
10:06
स्पेसिफाई करना जरूरी है दोस्तों कि
10:07
प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट की जो
10:09
इलेक्शंस होती हैं वो इस सब से बिल्कुल
10:10
अलग होती हैं। उनको लेकर अगर कोई डाउट या
10:12
डिस्प्यूट होता है तो मामला सीधा सुप्रीम
10:14
कोर्ट में जाता है। इसका प्रोविजन है
10:16
कॉन्स्टिट्यूशन के आर्टिकल 71 में और इसकी
10:18
प्रोसीजरल डिटेल्स के लिए है द
10:20
प्रेसिडेंशियल एंड वाइस प्रेसिडेंशियल
10:21
इलेक्शंस एक्ट 1952। लेकिन अपने पॉइंट पर
10:24
वापस आए तो इलेक्शन कमीशन का काम होता है
10:26
इलेक्टोरल रोल्स का प्रिपरेशन और इलेक्शंस
10:28
का कंडक्ट कराया जाना। जब इलेक्शंस चल रहे
10:31
होते हैं उस समय पर कोई कोर्ट का
10:32
इंटरवेंशन नहीं होता है। और उस समय पर अगर
10:35
किसी को कोई गड़बड़ी होती हुई दिखती है तो
10:37
वो इलेक्शन कमीशन को शिकायत कर सकता है।
10:39
जब इलेक्शंस हो जाते हैं, रिजल्ट डिक्लेअर
10:41
हो जाता है तो इलेक्शन कमीशन खुद से
10:44
रिजल्ट का रिव्यु नहीं कर सकता। अब
10:46
हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटीशन दी जाती है।
10:49
तो यहां तक बीजेपी नेता विश्वास सारंग की
10:51
बात सही है। लेकिन इलेक्शन पिटीशन हवा में
10:53
तो नहीं दे देंगे ना। उसके साथ कोई सबूत
10:55
भी होना चाहिए। एविडेंस की भी जरूरत होती
10:57
है। और हमारे केस में दिक्कत तो यही है ना
10:59
कि एविडेंस के ऊपर इलेक्शन कमीशन कुंडली
11:02
मार कर बैठा है। फिर कैसे बात चलेगी? जहां
11:04
वोटिंग हो रही होती है वहां ना फोन ले
11:06
जाया जा सकता है ना कोई कैमरा ले जाया जा
11:08
सकता है। तो आखिर कोई कैसे सबूत कलेक्ट
11:11
करे? सबूत सिर्फ सीसीटीवी फुटेज में मौजूद
11:13
है जो इलेक्शन कमीशन डिस्ट्रॉय करने पर
11:15
तुला है। विश्वास जी जब आपका नाम ही
11:17
विश्वास है तो आपका भी प्रयास होना चाहिए
11:19
कि डेमोक्रेसी में विश्वास फैल सके। अगर
11:21
आपको लगता है कि वाकई बीजेपी जनता के बीच
11:23
में पॉपुलर है तो आपको खुला चैलेंज देना
11:25
चाहिए कांग्रेस वालों को कि जैसा तुम्हें
11:27
करना है कर लो। अगर तुम्हें ईवीएम पे
11:29
चुनाव करना है कर लो। बैलेट पेपर पे करना
11:31
है कर लो। बता दो इलेक्शन कमिश्नर किसे
11:33
चुना जाए। बता दो कौन-कौन सी सीसीटीवी
11:35
फुटेज पब्लिक करनी है। बता दो किस तारीख
11:37
पर चुनाव होना चाहिए। फुल ट्रांसपेरेंसी
11:39
रहेगी। और ऐसे में फिर आप सही में कह
11:41
सकोगे कि हां भाई हम जीते हैं और अब
11:43
कांग्रेस वालों के पास कोई बहाना नहीं
11:45
होगा हारने के बाद। लेकिन बात फिर से यही
11:47
है दोस्तों कि बीजेपी ऐसा नहीं कर रही है।
11:49
एक्चुअली में बीजेपी की हरकतें इसकी
11:51
बिल्कुल उल्टी है। ऐसी हरकतें जिनसे
11:53
अविश्वास फैलता है। ऐसी हरकतें जिन्हें
11:55
देखकर लगता है कि जनता के बीच में बीजेपी
11:57
पॉपुलर नहीं है और एक्चुअली में बीजेपी
12:00
डरी हुई है। जैसे कि मार्च 2023 में अनूप
12:02
बरनवाल वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया केस में
12:05
एक लैंडमार्क सुप्रीम कोर्ट जजमेंट आया।
12:07
इसमें कहा गया कि चीफ इलेक्शन कमिश्नर और
12:09
इलेक्शन कमिश्नरस की अपॉइंटमेंट के लिए एक
12:11
हाई पावर्ड सिलेक्शन कमेटी बनाई जाए
12:13
जिसमें प्रधानमंत्री लीडर ऑफ अपोजिशन और
12:16
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। यही
12:18
तीन लोग मिलकर वोट करें और डिसाइड करें कि
12:20
कौन इलेक्शन कमिश्नर बनेगा। बड़ी ही
12:22
लॉजिकल सी जजमेंट है क्योंकि इलेक्शन
12:24
कमिश्नर को यहां पर निष्पक्ष होना चाहिए।
12:26
तो ये बात पूरी तरीके से सेंस बनाती है कि
12:28
उन्हें इलेक्ट करने के लिए एक प्राइम
12:30
मिनिस्टर होंगे, एक लीडर ऑफ अपोजिशन
12:32
बैलेंस हो गया यहां पर और एक चीफ जस्टिस
12:34
ऑफ इंडिया। लेकिन दिसंबर 2023 में सरकार
12:36
ने क्या किया? इस जजमेंट को बाईपास कर
12:38
दिया अपना खुद का कानून पास करके। सरकार
12:40
ने कहा कि इस कमेटी में चीफ जस्टिस को हटा
12:42
देते हैं। उसकी जगह अपना खुद का ही एक
12:44
यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर डाल देते हैं।
12:46
इससे इस कमेटी में दो खुद के सरकार के लोग
12:48
हो गए और एक लीडर ऑफ अपोजिशन और सारा
12:50
बैलेंस बिगड़ गया। अब सरकार चाहे तो अपनी
12:52
मर्जी का इलेक्शन कमिश्नर अपॉइंट कर सकती
12:54
है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई
12:56
पिटीशंस फाइल की गई हैं। जैसे कि जया
12:58
ठाकुर वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया। लेकिन
13:00
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे लगाने से मना
13:02
कर दिया है। इसी कानून में सरकार ने बड़ी
13:04
चालाकी से एक और चीज ऐड कर दी कि कोई भी
13:07
चीफ इलेक्शन कमिश्नर या इलेक्शन कमिश्नर
13:09
अपनी ऑफिशियल ड्यूटी करते हुए चाहे कुछ भी
13:11
कहे कुछ भी करें उनके खिलाफ किसी भी कोर्ट
13:14
में कोई भी सिविल या क्रिमिनल
13:15
प्रोसीडिंग्स नहीं हो सकती। यह बात सही है
13:18
कि ऑफिशियल काम करते हुए किसी से भी गलती
13:20
हो सकती है और इसलिए गलती का स्कोप रखना
13:22
चाहिए। लेकिन अगर कोई इलेक्शन कमिश्नर
13:23
जानबूझकर बेईमानी कर रहा हो, वोट चोरी कर
13:26
रहा हो, लोकतंत्र पर धब्बा लगा रहा हो और
13:28
इस चीज के खिलाफ सबूत भी मौजूद हो, फिर भी
13:30
उनके खिलाफ केस नहीं किया जा सकता। क्या
13:33
लॉजिक बना इस चीज का? एक बार फिर से जरा
13:35
अपनी कॉमन सेंस लगाओ। दोबारा एआई से पूछने
13:37
की जरूरत नहीं है। कोई भी सरकार आखिर ऐसा
13:39
क्यों करना चाहेगी? इसी कानून के तहत
13:41
दोस्तों, ज्ञानेश कुमार को चीफ इलेक्शन
13:44
कमिश्नर अपॉइंट किया गया। उन्हें अपॉइंट
13:46
करने वाली कमेटी में मौजूद थे खुद नरेंद्र
13:48
मोदी और अमित शाह। राहुल गांधी भी थे
13:50
लेकिन 2:1 का वहां पर वोट है और आज इन्हीं
13:53
ज्ञानेश कुमार पर सवाल उठ रहे हैं। यह खुद
13:55
मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज
13:57
पर कुंडली मार कर बैठ गए हैं और फिर प्रेस
13:59
कॉन्फ्रेंस में आकर चिल्लाते हैं कि
14:01
एविडेंस कहां है? एविडेंस लेकर आओ। सारा
14:04
एविडेंस तो अपनी पॉकेट में रख रखा है।
14:05
पब्लिक को क्यों नहीं दिखा देते? ना कोई
14:07
एविडेंस है ना कोई सबूत है? और पता है
14:10
क्या दोस्तों? सिर्फ वही सबूत नहीं है।
14:12
इसके अलावा और भी सबूत मौजूद है जो वो
14:14
छुपा नहीं सकते। उत्तर प्रदेश में ग्राम
14:16
प्रधान के लड़के ने आठ बार बीजेपी को वोट
14:18
दिया और खुद को पॉपुलर बनाने के चक्कर में
14:21
इसका वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया। यह
14:22
वीडियो अगर हमारे चीफ इलेक्शन कमिश्नर
14:24
ज्ञानेश कुमार तक नहीं पहुंचा है तो वह
14:26
मुझे Instagram में डीएम में हाय लिखकर
14:28
भेज सकते हैं। मैं उन्हें यह वीडियो भेज
14:29
दूंगा। एक और ऐसा ही वीडियो है जहां
14:31
पत्रकार अमित यादव एक शख्स से बात कर रहे
14:33
हैं जो बताते हैं कि उन्होंने उत्तर
14:35
प्रदेश में राय पट्टी में बीजेपी के लिए
14:37
छह बार वोट डाला।
14:39
छह वोट अकेले मार दिया।
14:39
अकेले मार दिए।
14:40
भाजपा का।
14:41
भाजपा का।
14:41
कब मारे?
14:42
सवेरे।
14:43
हां।
14:44
हां। अकेले छह वोट मार
14:45
अकेले
14:46
चंडीगढ़ मेयर पोल्स में रिटर्निंग ऑफिसर
14:48
अनिल मसीहा बैलेट पेपर्स को डिफेज कर रहा
14:50
था ताकि कांग्रेस आप अलायंस को जो वोट
14:52
मिले उनमें से कुछ वोट्स को इनवैलिड करार
14:55
कर दे और यही करके उसने बीजेपी कैंडिडेट
14:57
को मेयर बना दिया था लेकिन दिक्कत यह थी
14:59
कि यह सब सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो रहा था।
15:01
यह सीसीटीवी फुटेज क्योंकि पब्लिक थी
15:03
वायरल चली गई और यह वोट चोरी पकड़ी गई।
15:05
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा
15:07
था कि यह लोकतंत्र की हत्या है। अनिल
15:09
मसीहा को सीआरपीसी के सेक्शन 340 के तहत
15:11
प्रोसीक्यूट करने के लिए भी कहा। इसी के
15:13
बाद ही जाकर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी
15:15
पार्टी के काउंसलर कुलदीप कुमार को
15:17
चंडीगढ़ का मेयर डिक्लेअर किया था। यह कोई
15:19
आइसोलेटेड केस नहीं है दोस्तों। दो हफ्ते
15:21
पहले भी ऐसा ही कुछ हुआ था। हरियाणा के
15:23
पानीपत डिस्ट्रिक्ट में एक गांव है बुआना
15:26
लाखू। यहां के पंचायत इलेक्शंस में कुलदीप
15:28
सिंह को विनर डिक्लेअर कर दिया गया था।
15:30
लेकिन दूसरे कैंडिडेट मोहित कुमार ने देखा
15:32
कि एक बूथ पर वोट काउंट में गड़बड़ हुई
15:34
है। उन्होंने कोर्ट में कंप्लेंट करी। 33
15:37
महीने तक लीगल बैटल चली। ट्रिब्यूनल हाई
15:39
कोर्ट के रास्ते से होते हुए मामला
15:41
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। ईवीएम मंगवाई
15:43
गई। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार के सामने
15:45
दोबारा काउंटिंग की गई और इसकी
15:47
वीडियोग्राफी हुई और फाइनली जाकर पता है
15:49
क्या नतीजा निकला। सुप्रीम कोर्ट ने इस
15:51
इलेक्शन रिजल्ट को ओवरटर्न करते हुए कहा
15:53
कि एक्चुअली में यह इलेक्शंस मोहित कुमार
15:55
जीते थे। अब बिहार का केस देख लीजिए। वहां
15:57
पर भी एसआईआर का कुछ ऐसा ही हाल चल रहा
15:59
है। एसआईआर यानी इलेक्ट्रोल रोल्स का
16:01
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन। बीजेपी समर्थक कह
16:04
रहे हैं कि अगर राहुल गांधी के हिसाब से
16:06
वोट चोरी होती है तब तो यह एसआईआर बहुत ही
16:08
अच्छी चीज है। मैं भी कहूंगा दोस्तों, सही
16:10
बात है। एसआईआर बहुत अच्छी चीज है क्योंकि
16:13
इससे इलेक्ट्रोरल रोल्स की गड़बड़ी हटाई
16:15
जा सकती है। लेकिन प्रॉब्लम यहां पर यह है
16:17
कि यह एसआईआर सही से नहीं हो रहा है।
16:19
इलेक्ट्रोरल रोल्स में गड़बड़ी हटाने की
16:21
जगह गड़बड़ी बढ़ रही है। जो जिंदा लोग हैं
16:24
उन्हें वोटर लिस्ट पर मुर्दा घोषित कर
16:26
दिया जा रहा है और जो मर चुके हैं उन्हें
16:27
जिंदा कहा जा रहा है। जर्नलिस्ट तमल शाह
16:29
ने एक वीडियो डाला जिसमें उनके पीछे दीवार
16:31
पर भासु सिंह और कृष्णा देवी की फोटो दिख
16:34
रही है। ये दोनों 8 साल पहले गुजर चुके
16:36
हैं। इसकी सूचना भी दी गई है लेकिन फिर भी
16:39
उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अभी भी
16:41
मौजूद है। जो इलेक्शन कमीशन की ड्राफ्ट
16:43
लिस्ट निकला है उसमें इन दोनों का नाम है।
16:46
जबकि सूची सूचना दी गई कि ये लोग गुजर गए
16:51
बहुत साल हो गए लेकिन इनका नाम है।
16:53
जबकि भासु सिंह के बेटे दिलीप जो अभी भी
16:55
जिंदा है उनका नाम वोटर लिस्ट से मिसिंग
16:57
है। भासु सिंह का बेटा जो जीवित है ही इज़
17:00
अलाइव। हिज नेम हैज़ बीन स्ट्रग ऑफ। इनका
17:02
नाम हटाया गया है वोटर लिस्ट से।
17:04
योगेंद्र यादव सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए इस
17:06
मामले को लेकर जहां बिहार की एसआईआर को
17:08
चैलेंज किया गया। योगेंद्र यादव अपने साथ
17:10
दो ऐसे लोगों को लेकर गए जिन्हें मृत कहकर
17:12
उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था।
17:15
उन्होंने कोर्ट के सामने जाकर कहा, यह
17:17
देखो जरा यह लोग जिंदा है। इन्हें वोटर
17:18
लिस्ट रिवीजन में मुर्दा घोषित कर दिया
17:20
गया है। इनका नाम ही नहीं है। ऐसे ही कुछ
17:23
लोगों के साथ राहुल गांधी ने चाय भी पी।
17:25
YouTube पर वीडियो डालते हुए टाइटल रखा
17:27
मृत लोगों के साथ चाय। धन्यवाद इलेक्शन
17:30
कमीशन।
17:31
हिंद में मृत लोग घोषित कर दिया है।
17:33
तो पता कैसे लगा आपको? वोटर लिस्ट चेक
17:35
किया गया था।
17:36
अब 2003 की रिवीजन का हवाला दिया जा रहा
17:38
है कि उस समय भी तो रिवीजन हुई इसलिए ये
17:40
अभी जो कर रहा है इलेक्शन कमीशन ये
17:42
जस्टिफाइड है। लेकिन प्रॉब्लम रिवीजन से
17:43
नहीं है। प्रॉब्लम इस बात से है कि रिवीजन
17:45
गड़बड़ हटाने के लिए किया जाना चाहिए।
17:47
गड़बड़ करने के लिए नहीं। योगेंद्र यादव
17:49
ने कहा कि 2003 में भी रिवीजन हुई थी वोटर
17:51
लिस्ट की। लेकिन देश के इतिहास में यह
17:53
पहली बार है कि रिवीजन होने पर जीरो
17:55
एडिशंस हुई है और 65 लाख लोगों का नाम हटा
17:58
दिया गया है वोटर लिस्ट से। फर्स्ट टाइम
18:00
इन द हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया ऑफ द लास्ट 75
18:03
इयर्स ऑफ़ पोस्ट इंडिपेंडेंसी इंडिया। फॉर
18:06
द फर्स्ट टाइम वी आर गोइंग बैक टू
18:10
रिड्यूसिंग द नंबर ऑफ पीपल ऑन इोरल रोल्स।
18:13
देश में पहले जितनी भी रिवीजंस हुई थी
18:15
उनमें वोटर लिस्ट में लोगों का नाम ऐड भी
18:17
किया गया था। यहां पर सिर्फ हटाने का काम
18:19
किया जा रहा है और बात केवल 65 लाख जैसे
18:22
बड़े फिगर की नहीं है। हमें यहां पर
18:23
सेंसिटिव होने की जरूरत है। अगर 65 लोगों
18:26
का नाम भी यहां पर गलत तरीके से हटाया जा
18:28
रहा है तो भी यह लोकतंत्र पर धब्बा है
18:30
क्योंकि ये लोग भेड़ बकरी नहीं है। भले ही
18:32
गरीब हो अनपढ़ हो लेकिन वो भी भारत के
18:34
नागरिक हैं। उनके लिए भी वन पर्सन वन वोट
18:36
का अधिकार है। इनफैक्ट ऐसे लोगों के पास
18:38
एक वोट ही तो उनकी ताकत है और वो भी आप
18:41
उनसे छीन ले रहे हो। ज्ञानेश कुमार ने
18:43
यहां पर पूरी चुनाव प्रक्रिया का तमाशा
18:45
बनाकर रख दिया है। द रिपोर्टर्स कलेक्टिव
18:47
की रिपोर्ट देखिए। अलग-अलग परिवारों के
18:49
509 वोटर्स जो अलग कास्ट, अलग कम्युनिटी
18:51
से हैं। सब के सब पिपरा कॉन्स्टिट्यूएंसी
18:53
में गलीमपुर गांव के एक ही घर पर
18:55
रजिस्टर्ड है। माना कि देश में
18:57
सांप्रदायिकता है, जातिवाद है। लेकिन इसका
18:59
मतलब यह तो नहीं कि यूनिटी इन डायवर्सिटी
19:01
के नाम पर इलेक्शन कमीशन 509 लोगों को एक
19:04
ही घर में घुसा दे। और यह मजाक यहां खत्म
19:06
नहीं हुआ है। इस जोक की पंच लाइन तो यह है
19:08
दोस्तों कि यह घर एकिस्ट ही नहीं करता।
19:10
ऐसे ही एक और इलेक्शन कमीशन के सपनों का
19:12
मकान है। जहां 459 लोग रजिस्टर्ड किए गए
19:15
हैं। पिपरा, बगाहा, मोतिहारी केवल इन तीन
19:19
असेंबली कॉनस्टीट्यूएंसीज में ऐसे 3590
19:22
केसेस पाए गए हैं जहां एक ही एड्रेस पर 20
19:26
या 20 से ज्यादा लोग रजिस्टर्ड हैं। इनमें
19:28
से कई केसेस में घर ही नहीं है। इस तरह इन
19:31
तीन कॉन्सीट्यूएंसीज में कुल मिलाकर
19:32
80,000 ऐसे लोग पाए गए हैं। द न्यू इंडियन
19:36
एक्सप्रेस की रिपोर्ट देखिए। जमुई
19:37
डिस्ट्रिक्ट के अमीन गांव में 200 से
19:39
ज्यादा लोगों ने डिस्ट्रिक्ट
19:40
एडमिनिस्ट्रेशन को शिकायत की है कि उन सभी
19:42
का एक ही एड्रेस डाल दिया गया है। वार्ड
19:45
नंबर तीन का हाउस नंबर तीन ज्ञानेश कुमार
19:47
ने इसके रिस्पांस में अपनी प्रेस
19:48
कॉन्फ्रेंस में एकता कपूर के सीरियल्स
19:50
वाला मेलो ड्रामा किया। वो भूल गए कि वो
19:52
नेता नहीं है। वो किसी कॉन्स्टिट्यूशनल
19:54
बॉडी के एक ऑफिसर हैं। उन्होंने पूरी
19:56
तरीके से इलॉजिकल बातें कही और इंटिमेडेशन
19:58
की भाषा का इस्तेमाल किया। प्रेस
20:00
कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि पीयूष नाम के
20:02
हजारों वोटर्स हो सकते हैं।
20:03
तो अगर पीयूष जी के नाम को अगर आप 100
20:05
करोड़ में सर्च करेंगे तो आपको हजारों लोग
20:09
मिलेंगे।
20:09
बात सही है। फर्स्ट नेम बहुत से लोगों का
20:11
सेम हो सकता है। लेकिन जरा यह बताओ कि
20:13
उनके बाप का नाम भी एक होगा। क्या बिहार
20:15
में रहने वाले सभी पीयूष के पिता का नाम
20:17
एक हो? एड्रेस एक हो। क्या ऐसा हो सकता
20:18
है?
20:19
अरे बाप रे ये तो धोती खोल रहा है।
20:21
दूसरी बात यह है कि किसी के पिता का नाम
20:23
यह होता है? वाई टी डी टी आर ये कैसा नाम
20:26
हुआ? यह तो ऐसा भी नहीं है कि स्पेलिंग
20:27
मिस्टेक हो गई हो। एडडास की जगह एडीबास
20:30
लिख दिया गया हो, देवेंद्र की जगह
20:31
देवेंद्र लिख दिया गया हो। यह तो पूरी
20:33
तरीके से ही एक इनवैलिड एंट्री है।
20:35
कीबोर्ड पर कुछ भी टाइप किया जा रहा है।
20:37
अब यहां एफिडेविट को लेकर भी सवाल बनता
20:38
है। जब राहुल गांधी से एफिडेविट मांगा जा
20:41
रहा है तो ये गोली मारो फेम अनुराग ठाकुर
20:43
से क्यों नहीं मांगा जा रहा? उन्होंने भी
20:44
कहा कि कुछ ना कुछ वोटर फ्रॉड हो रहा है।
20:47
कांग्रेस पर आरोप लगाया। लेकिन ज्ञानेश
20:49
कुमार को जरूरी नहीं लगता उनसे एफिडेविट
20:51
मांगना।
20:51
इलेक्शन कमिश्नर उन्हें कहता है आप
20:53
एफिडेविट दीजिए। उनसे एफिडेविट मांगता है।
20:57
मगर जब अनुराग ठाकुर वही बात कहता है जो
21:00
मैं कह रहा हूं उससे एफिडेविट नहीं मांगता
21:02
है।
21:04
इस पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो कोई
21:06
सेटिस्फेक्टरी जवाब नहीं दे सके वो।
21:08
ग्रेडेड रिस्पांस की बात कहने लगे। जबकि
21:10
राहुल गांधी ने तो एक सीट के एक सेगमेंट
21:12
में वोट चोरी की बात कही थी और अनुराग
21:14
ठाकुर ने कई सीटों पर वोट चोरी की बात कही
21:17
थी। पत्रकारों ने उनसे कहा कि 2022 में
21:19
अखिलेश यादव ने 18,000 वोटर्स के नाम हटाए
21:21
जाने पर एफिडेविट दिए थे। ओसा में बीजेडी
21:24
ने भी एफिडेविट दिए थे।
21:25
अखिलेश यादव ने 18,000 नामों के एफिडेविट
21:29
दिया हुआ है। यह राजनीति में बार-बार सवाल
21:31
उठ रहा है कि आपने उसका जवाब नहीं दिया।
21:34
इस पर ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हलफनामा
21:36
दिया गया। यह बात सही नहीं है।
21:38
हलफनामा दिए हलफनामा दिया गया। बट ठीक
21:40
नहीं है। इसके बाद अखिलेश यादव ने कुछ
21:42
एफिडेविट की डिजिटल रिसीप्ट्स अपलोड करते
21:44
हुए Twitter पर लिखा जो चुनाव आयोग ने यह
21:46
कहा कि हमें यूपी में समाजवादी पार्टी
21:48
द्वारा दिए गए एफिडेविट नहीं मिले हैं वो
21:51
हमारे शपथ पत्रों की प्राप्ति के प्रमाण
21:53
स्वरूप दी गई अपने कार्यालय की पावती को
21:55
देख लें। एफिडेविट का लॉजिक समझिए। वैसे
21:58
तो दोस्तों एफिडेविट कोर्ट में दिए जाते
22:00
हैं ताकि कोई फ्रिविलियस कंप्लेंट और झूठे
22:02
बयान को रोका जा सके। अगर किसी ने
22:04
जानबूझकर एविडेट में झूठ बोला है तो उनके
22:06
खिलाफ पैरजुरी का केस चल सकता है। इलेक्शन
22:09
कमीशन एक कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडी है जैसे कि
22:11
इलेक्शन रिफॉर्म्स के लिए रिस्पेक्ट किए
22:13
जाने वाले फॉर्मर चीफ इलेक्शन कमिश्नर।
22:15
टीएन सेशन ने कहा था कि मैं भारत सरकार का
22:17
चीफ इलेक्शन कमिश्नर नहीं हूं। मैं भारत
22:20
का चीफ इलेक्शन कमिश्नर हूं।
22:22
टेक अस लॉट ऑफ़ डिफरेंस दैट आई एम नॉट द
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चीफ इलेक्शन कमिश्नर ऑफ़ द गवर्नमेंट ऑफ़
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इंडिया। बट आई एम द चीफ इलेक्शन कमिश्नर
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ऑफ़ इंडिया। दैट्स अ वेरी माइनर चेंज इन
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एम्फेसिस। इसीलिए जब इस कॉन्स्टिट्यूशनल
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बॉडी पर चुनाव की जिम्मेदारी होती है तो
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लोग चुनाव में किसी गड़बड़ को लेकर उनसे
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शिकायत कर सकते हैं। छानबीन करते हुए
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एक्शन ले सकते हैं। इस तरह इलेक्शन कमीशन
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का एक क्वाजी जुडिशियल रोल होता है। तो
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यहां बात आती है एफिडेविट की। लॉजिक वही
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है ये इंश्योर करना कि जेन्युइन कंप्लेन
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हो जिसमें सही एविडेंस हो। जब कोई
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कैंडिडेट इलेक्शन के लिए अपना नॉमिनेशन
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फाइल करता है तो ऐसे में एफिडेविट सबमिट
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करना होता है जो एक एसेंशियल रिक्वायरमेंट
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होती है। लेकिन बात यह है कि कंप्लेन किए
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जाने पर एफिडेविट जरूरी नहीं होता। दूसरी
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बात यह है कि राहुल गांधी ने जो भी
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एक्सपोजे किया उसके लिए डाटा इलेक्शन
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कमीशन का ही लिया है। अब ये डाटा कितना
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सही है और कितना नहीं? इलेक्शन कमीशन अपनी
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इस रिस्पांसिबिलिटी को राहुल गांधी पर
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कैसे शिफ्ट कर सकता है? जो सबूत राहुल
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गांधी ने प्रेजेंट किया था ज्ञानेश कुमार
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ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसे लेकर
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कोई सवाल भी नहीं उठाया। और सबसे जरूरी
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बात यह है दोस्तों कि राहुल गांधी ने
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सिर्फ बीजेपी पर नहीं बल्कि इलेक्शन कमीशन
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पर भी इल्जाम लगाए हैं कि दोनों ने यहां
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पर साथ में मिलकर चोरी करी। अब प्रिंसिपल
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ऑफ नेचुरल जस्टिस कहती है कि अगर किसी पर
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आरोप लगे हैं तो वो खुद उस मामले का जज
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नहीं हो सकता। ऐसे में इलेक्शन कमीशन के
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पास एफिडेविट मांगने का कोई मोरल राइट
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नहीं है। बल्कि देश के लोगों के प्रति
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उनकी ये मोरल रिस्पांसिबिलिटी है। अपने आप
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को बेगुनाह साबित करो, लोगों का विश्वास
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रिस्टोर करो या फिर इस्तीफा दो। लेकिन
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दिक्कत यह है दोस्तों कि आज के समय में
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कौन मोरल रिस्पांसिबिलिटी लेता है। ऐसे
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में इंडिया अलायiंस का उनके खिलाफ
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इंपीचमेंट मोशन एक लॉजिकल स्टेप होगा। और
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जब बीजेपी ने खुद वोटिंग में धांधली की
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बात की है तो उन्हें तो इस इंपीचमेंट मोशन
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को सपोर्ट करना चाहिए। अगर वोटर फ्रॉड हो
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रहा है तो हटाओ इलेक्शन कमिश्नर को। लेकिन
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आप इजीली गेस कर सकते हो कि ऐसा होने वाला
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नहीं है। बीजेपी यहां पर अपनी पूरी कोशिश
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करेगी चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार
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को बचाने की। बहरहाल अभी का स्टेटस यह है
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दोस्तों कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव
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वोटर अधिकार यात्रा पर निकल चुके हैं।
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लेकिन आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि
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यह बस कांग्रेस वर्सेस बीजेपी का मामला
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नहीं है। यह वोट आपका है। लोकतंत्र आपका
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है। देश आपका है।
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यहां एक छोटा सा अपडेट बताना चाहूंगा
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दोस्तों। आप में से कई लोग ऑलरेडी जानते
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होंगे। मैंने पिछले वीडियो में अपना पहला
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स्टार्टअप ल्च किया था एआई फियस तक। एक
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ऐसा एआई प्लेटफार्म जहां पर आपको सारे
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दुनिया के सबसे पावरफुल एआई मॉडल्स चैट
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जीpटी5, जेमिनाई 2.5 Pro, डीप सीक, क्लॉट
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Sonet 4, G 4 सब एक ही चैट में एक ही जगह
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पर मिलते हैं। अब एक सवाल लिखकर सभी से
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जवाब मांग सकते हैं और सभी जवाबों को
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कंपेयर कर सकते हैं। यह सब 1थ कॉस्ट पर
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अगर आप इन्हें इंडिविजुअली लोगे ₹10,000
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से ज्यादा का खर्चा आएगा लेकिन हमने
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पॉसिबल कर दिखाया सिर्फ ₹999 में। तो मेरे
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उस लॉन्च वीडियो के बाद आप में से 1 लाख
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से ज्यादा लोग ऑलरेडी हमारे साथ इस
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एआईएस्ता प्लेटफार्म पर जुड़ चुके हैं और
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बहुत सारा फीडबैक आप लोगों ने दिया है।
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इसी फीडबैक के आधार पर हमने सिर्फ एक
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हफ्ते के अंदर-अंदर बहुत बड़े-बड़े
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अपडेट्स किए हैं एआईएस्ता में आपकी सजेशंस
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को देखते हुए। आपने कहा था अपलोड फाइल्स
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का फीचर मिसिंग है। आप अपने पीडीएफ या
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वर्ड फाइल्स नहीं अपलोड कर सकते हैं। अब
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कर सकते हैं। यह फीचर लाइव जा चुका है।
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आपने कहा था चैट्स को रीनेम नहीं किया जा
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सकता। सर्च नहीं किया जा सकता। अब किया जा
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सकता है। आपने कहा था टोकंस की लिमिट काफी
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कम है। सिर्फ 400 के टोकंस हैं। अब हमने
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इस लिमिट को सात गुना से भी ज्यादा बढ़ा
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दिया है। 3 मिलियन की टोकन लिमिट कर दी
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है। इसके पीछे एक लंबी एक्सप्लेनेशन है कि
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पहले 400 के क्यों की गई और अब यह नई
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लिमिट कैसे निकल कर आई है। यह मैं सभी
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एफएस्टा के सब्सक्राइबर्स को एक वीडियो
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में डिटेल में समझाऊंगा। लेकिन अब से 3
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मिलियन टोकंस हर यूजर को मिलेंगे हर महीने
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एआईएफएस्टा पर। बेसिकली आपको चिंता करने
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की कोई जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा हमने
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10 अलग-अलग नए एआई मॉडल्स ऐड किए हैं
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एआईएस्ता में। और एक और बहुत बड़ी डिमांड
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आपकी थी वेब सर्च का फीचर ऐड करना जो कि
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हम अगले 7 दिनों के अंदर-अंदर ही कर
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देंगे। तो दिन रात हमारी टीम काम कर रही
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है इस प्लेटफार्म को और बेहतर बनाने के
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लिए और आप देख सकते हो कितनी स्पीड से हम
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यहां पर अपडेट्स ला रहे हैं। अगले हफ्ते
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इससे भी एक बड़ा अपडेट आएगा जो एआई यस्ता
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को और भी पावरफुल बना देगा। तब तक के लिए
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अगर आपने जॉइ नहीं किया है ज्वाइन करने का
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लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा और
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एआईstस्ता के हर सब्सक्रिप्शन के साथ हम
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₹5000 वर्थ द अल्टीमेट प्रों्ट बुक फ्री
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ऑफ कॉस्ट दे रहे हैं। एक बहुत ही कमाल की
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प्रों बुक जिसमें 3000 से ज्यादा
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प्रम्प्ट्स हैं 25 अलग-अलग कैटेगरीज में।
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यह आपको बिल्कुल फ्री मिलेगी सब्सक्रिप्शन
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के साथ। अगर आप और जानना चाहते हैं मेरे
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इस एआई प्लेटफार्म के बारे में मुझे यह
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आईडिया कैसे आया और क्या-क्या फीचर्स
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इसमें अवेलेबल है। तो यहां क्लिक करके
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पुराने वाला वीडियो देख सकते हैं। मिलते
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हैं अगले वीडियो में। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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