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Rizwan Short News 
12/08/2025

त्रिशमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद साकेत गोखले ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को पत्र लिखकर दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने इस आदेश को "क्रूर और अमानवीय" बताया है।
मुख्य बिंदु:



 * सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के अधिकारियों को सड़कों से सभी


 आवारा कुत्तों को तुरंत हटाने और उन्हें आश्रय गृहों में रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कोई भी कुत्ता वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। यह आदेश कुत्ते के काटने और रेबीज के बढ़ते मामलों के बाद आया है।
 * टीएमसी की मांग: साकेत गोखले ने अपने पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए और एक बड़ी बेंच द्वारा इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
 * अन्य प्रतिक्रियाएं:
   * राहुल गांधी ने भी इस आदेश को "अमानवीय" बताया है और कहा है कि यह दशकों की मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीतियों से पीछे हटना है। उन्होंने समाधान के रूप में शेल्टर, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल का सुझाव दिया है।
   * पशु अधिकार समूह और सामुदायिक फीडर भी इस आदेश का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह "अव्यावहारिक और अमानवीय" है।
 * सार्वजनिक सुरक्षा बनाम पशु कल्याण: यह मामला सार्वजनिक सुरक्षा और पशु कल्याण के बीच एक बड़ी बहस को जन्म दे रहा है। एक तरफ, लोग कुत्ते के काटने और रेबीज के खतरे से परेशान हैं, और दूसरी तरफ, पशु प्रेमी इन जानवरों के लिए एक मानवीय दृष्टिकोण की वकालत कर रहे हैं।



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